दमोह l कटहल आमतौर पर गांव में होता है, यह सब्जी वाला फल होता है इसमें बहुत सी बीमारी और अन्य समस्याएं आती है। कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक मनोज अहिरवार ने बताया बांसा देवरान के पास एक गांव बांसनी है जिसे इमलिया मौजा बोलते हैं। यहां के किसान भाईयों के यहां कटहल के पेड़ लगे हुए हैं और बगीचा भी लगा हुआ है।

            वैज्ञानिक श्री अहिरवार ने किसान भाईयों से कहा है पेड़ से फूल और फल झड़ने की समस्या आती है, इस समस्या से निपटने के लिए हमें कुछ ना कुछ हार्मोन जो फूल और फल झड़ने से रोकते हैं, उनका स्प्रे करना चाहिये, इसमें एक हार्मोन एनएए आता है जो की मार्केट में क्लेनोफिक्स या और अन्य कंपनी के अलग-अलग नाम से आते हैं। जब फूल आना शुरू होते हैं एक पंप में 4 एमएल दवाई का स्प्रे यदि कर देते हैं तो कटहल के फल गिरते नहीं है, इसके साथ हमें पेड़ का निरीक्षण करते रहना है कि इसमें कोई रोग या बीमारी तो नहीं है।

            उन्होंने कहा पेड़ की छाल भी देखते रहना चाहिये, पेड़ की छाल खाने वाले बहुत से कीड़े लग जाते हैं जिसमें हम कीटनाशक या फिर अन्य दवाईयों की पुताई कर दें या फिर नीला थोथा, चूना की इसमें पुताई कर दें तो बड़े अच्छे तरीके से जो कटहल का पेड़ है, वह स्वस्थ रहता है। एक कटहल का पेड़ 1 साल में लगभग 5 हजार, 10 हजार या 15 हजार रूपये तक दे सकता है। कम लागत में ज्यादा इनकम हमको कटहल के पेड़ से मिल सकती है। सबसे ज्यादा इनकम देने वाला पेड़ कटहल है। कटहल का पेड़ प्रति वृक्ष के हिसाब से कम से कम 5 हजार रूपये 1 साल में दे सकता है।

            उन्होंने कहा पेड़ के खाद मैनेजमेंट का विशेष रूप से ध्यान रखें, सबसे पहले दोपहर 12 बजे देख लें इसकी छाया कहां तक जा रही है मान लीजिए कि पेड़ की छाया 10 मीटर तक जा रही है तो गोल घेरा बना लें और गोल घेरे में 1 फीट नाली खोद लें और उसमें हमें सड़ी हुई गोबर की खाद, केंचुआ खाद, या थोड़ा सा यूरिया, डीएपी या प्राकृतिक खाद साल में यदि दो बार दे देते हैं तो इसका पोषकतत्व प्रबंधन हो जाता है। श्री अहिरवाल ने किसाना भाईयों से कहा फसलों का निरीक्षण करते रहें यदि इसमें कोई रोग बीमारी या धब्बे आते है तो समय-समय पर उसकी दवाई भी डालते रहें। किसान भाई कृषि विज्ञान केंद्र दमोह जरूर आए और जो भी फसलों में रोग बीमारी या कीड़े की समस्या है या तकनीकि सलाह के बारे में  मार्गदर्शन प्राप्त करें।